बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता गोविंदा ने हाल ही में अपनी फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” में काम न करने के फैसले पर पछतावा व्यक्त किया है। यह फिल्म, जो 2001 में रिलीज हुई थी, ने भारतीय सिनेमा में एक नया मुकाम हासिल किया था। इस फिल्म की सफलता ने न केवल इसकी कास्ट को लोकप्रियता दी, बल्कि इसके गाने और संवाद भी आज तक लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। गोविंदा का यह खुलासा इस बात का संकेत है कि उन्हें इस फिल्म में अपनी भूमिका निभाने से कितना नुकसान हुआ है।

गोविंदा, जो अपनी कॉमेडी और डांस के लिए जाने जाते हैं, ने अपने करियर में कई सफल फिल्में की हैं। लेकिन “गदर” जैसी सुपरहिट फिल्म का हिस्सा न बन पाने का अफसोस करना उनके लिए एक बड़ी बात है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि जब “गदर” का प्रस्ताव उनके पास आया, तो उन्होंने कुछ कारणों से इसे अस्वीकार कर दिया। अब, जब वह फिल्म की सफलता को देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि यह उनका एक बड़ा मौका था, जो उन्होंने खो दिया।

फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की, बल्कि इसने अपने संवाद और गानों के कारण भी दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। फिल्म में सनी देओल और अमीषा पटेल की जोड़ी को दर्शकों ने काफी सराहा था। गोविंदा ने यह भी स्वीकार किया कि “गदर” का संगीत और कहानी इतनी मजबूत थी कि उन्होंने इसे अपने करियर में शामिल करने का मौका गंवा दिया। उनके अनुसार, “गदर” जैसी कहानी में एक अभिनेता के लिए बहुत कुछ होता है, और उन्होंने इसे देखने के बाद खुद को असफलता का अनुभव किया।

गोविंदा ने यह भी कहा कि उन्हें इस फिल्म के संवाद और गाने बहुत पसंद थे। उन्होंने बताया कि कैसे “गदर” के गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं और यह फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गई है। गोविंदा का यह पछतावा दर्शाता है कि वह एक अनुभवी अभिनेता हैं, जो अपनी कला और काम के प्रति गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि वह हमेशा नए और चुनौतीपूर्ण किरदारों की तलाश में रहते हैं और “गदर” का हिस्सा न बन पाना उनके लिए एक बड़ी चूक थी।

इसके अलावा, गोविंदा ने यह भी कहा कि “गदर” की सफलता ने सनी देओल के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। उन्होंने सनी की परफॉर्मेंस की प्रशंसा की और कहा कि उन दोनों के बीच अगर कोई सहयोग होता, तो यह एक शानदार अनुभव होता। गोविंदा ने यह भी बताया कि वह हमेशा से सनी देओल के साथ काम करना चाहते थे, लेकिन “गदर” का प्रस्ताव उनके हाथ से निकल गया।

गोविंदा के इस पछतावे के पीछे एक और बड़ा कारण यह है कि उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनकी कॉमिक टाइमिंग, डांसिंग स्किल्स और स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें एक खास स्थान दिलाया है। हालांकि, “गदर” जैसी फिल्म के साथ जुड़ने का अवसर खोना उनके लिए एक बड़ा नुकसान हो सकता था। उनके अनुसार, ऐसे मौके फिर नहीं आते, और उन्हें यह एहसास हुआ कि कभी-कभी एक निर्णय का परिणाम कितना बड़ा हो सकता है।

इस स्थिति में, गोविंदा का पछतावा केवल व्यक्तिगत है बल्कि यह भारतीय सिनेमा के लिए भी एक सीख है। यह दर्शाता है कि कभी-कभी बड़े निर्णय लेने में सोच-समझकर फैसला करना चाहिए। फिल्म उद्योग में अवसरों की कमी नहीं होती, लेकिन सही अवसर को पहचानना और उसे पकड़ना बहुत महत्वपूर्ण होता है। गोविंदा का यह अनुभव नए अभिनेताओं के लिए एक प्रेरणा हो सकता है, जो यह समझते हैं कि कैरियर के दौरान किए गए निर्णय उनके भविष्य पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

गोविंदा ने इस मामले में अपने अनुभव से यह भी बताया कि कैसे कभी-कभी अभिनेताओं को अपने करियर के लिए जोखिम उठाने की जरूरत होती है। उन्होंने यह बताया कि “गदर” की कहानी और उसके पात्रों ने उन्हें एक अद्वितीय दृष्टिकोण दिया होता। अगर वह इसमें काम करते, तो न केवल उनकी पहचान बढ़ती बल्कि उन्हें एक नई शैली के अभिनय का भी अनुभव होता।

इस प्रकार, गोविंदा का “गदर: एक प्रेम कथा” में न खेलने का पछतावा एक महत्वपूर्ण सबक है। यह न केवल उनके करियर के लिए बल्कि सभी नए और स्थापित अभिनेताओं के लिए एक चेतावनी है कि अवसरों को पहचानना और उन्हें पकड़ना कितना महत्वपूर्ण है। गोविंदा का यह बयान उनकी ईमानदारी और

Watch video: